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Mane Malse Veer Ni Diksha Lyrics | संयम नी वसंत आवी प्यारी | Jain Stuti Stavan Lyrics

Mane Malse Veer Ni Diksha Lyrics | आवो नर नार आज | Jain Stuti Stavan

Mane Malse Veer Ni Diksha Lyrics


संयम नी वसंत आवी प्यारी   


 

 तर्ज (कृष्णा तने शोधे तारी राधा)


संयम नी वसंत आवी प्यारी...

संयम सुवासमां, मुक्तिनी आशमां,

महेकी रह प्रभु, गुरुकुल वासमां,

स्नेहीना रागने, संसारी बागने,

त्यागुं छुं हुं प्रभु, विरतीनी प्यासमां,

मात-पितानी आंखो, हर्षे वधावती,

मुजने मी छे पांखो, मुक्ति गगननी,

दीक्षा, मने मव्ठशे वीरनी दीक्षा..

हवे संयम एकज ईच्छा,

बस, शाश्वत सुखनी परम ईच्छा...

फूलडे वधावुं, सोनाथी सजावुं,

प्रीतम :छे तुं प्रभु, :प्रीतमां भींजावुं,

केशना लुंचन, कर्मों निकंदन,

गुरुजीनी वाणी, शीतल चंदन,

अष्ट प्रद्रज्या माँ ना, खोठ्ठामां रमता ,

सर्वे जीवो रे हवे, अभय पामता,

दीक्षा, मने मव्ठशे वीरनी दीक्षा..

हवे संयम एकज ईच्छा,

बस, शाश्वत सुखनी परम ईच्छा...

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