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Shree Ghantakarna Mahavir Aarti (Hindi Lyrics) - Jain Aarti - Jain Stuti Stavan श्री घंटाकर्ण महावीरनी आरति

Shree Ghantakarna Mahavir Aarti (Hindi Lyrics) 
श्री घंटाकर्ण महावीरनी आरति (Hindi Lyrics)

Shree Ghantakarna Mahavir Aarti (Hindi Lyrics) - Jain Aarti


घंटाकर्ण महावीर (Ghantakarna Mahavir) गाजे, 
जडचेतन जगमहिमा छाजे 
मनवांछित पूरण करनारा, 
भक्तजनोना भय हरनारा घंटाकर्ण….।। 1 ।। 

आधि व्याधि उपाधि हरता, 
रोग उपद्रव दुःख संहरता घंटाकर्ण…।। 2 ।। 


ऋद्धि सिद्धि मंगल करता, 
सत्वर सहाये पगला भरता घंटाकर्ण…।। 3 ।। 

तुज स्मरणथी वांछित मेळा, 
भक्तोनी थाती शुभ वेळा धंटाकर्ण… ।। 4 ।। 

घंटाकर्ण महावीर तारी, 
आरति करता जे नर नारी घंटाकर्ण… ।। 5 ।। 


आरति चिंता शोक निवारी, 
धर्मी थतां दोषने टाळी घंटाकर्ण… ।। 6 ।। 

गाजी रह्यो जगमांही सघळे, 
घरमां सागरमां रण वगडे घंटाकर्ण… ।। 7 ।। 


सहाय करंतो वादे झगडे, 
दुष्टोथी कंइ शुभ न बगडे घंटाकर्ण… ।। 8 ।। 

देश नगर संघ वर्तो शांति, 
भक्त जनोनी वधशे कांति घंटाकर्ण… ।। 9 ।। 

महामारी भय संकट नासो, 
आरोग्यानंदे जगवासो घंटाकर्ण… ।। 10 ।। 

मंगल माला घर घर प्रगटो, 
इति उपद्रव विघ्नो विघटो घंटाकर्ण… ।। 11 ।। 


शांति आनंदने प्रगटावो, 
समरंता झट व्हारे आवो घंटाकर्ण… ।। 12 ।। 

आत्म महावीर शासन राज्ये, 
सेवाकारक जगमां गाजे घंटाकर्ण… ।। 13 ।। 

बुद्धि सागर आतम काजे, 
क्षण क्षण व्हेलो सहाये थाजे घंटाकर्ण… ।। 14 ।। 


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