જ્ઞાન ના પાંચ ખમાસણા | Gyaan Na Panch Khamasana
मति ज्ञान
समकित श्रध्धावंतने उपन्यो ज्ञान प्रकाश
प्रणमुं पदकज तेहना भाव धरी उल्लास
मति ज्ञान मंत्र - ॐ ह्रीं श्री मतिज्ञानाय नमो नमः
ईच्छामि खमासमणो, वंदिउं जावणीज्जाए निसिहिआए मत्थएण वंदामि.
श्रुत ज्ञान
पवयण श्रुत सिद्धांत ते आगम समय वखाण
पूजो बहुविध रागथी, चरण कमल चित आण
श्रुत ज्ञान मंत्र - ॐ ह्रीं श्री श्रुतज्ञानाय नमो नमः
ईच्छामि खमासमणो, वंदिउं जावणीज्जाए निसिहिआए मत्थएण वंदामि.
अवधि ज्ञान
उपन्यो अवधिज्ञान नो, गुण जेहने अविकार
वंदना तेहने मारी, श्वासे मांहे सो वार
श्रुत ज्ञान मंत्र - ॐ ह्रीं श्री अवधिज्ञानाय नमो नमः
ईच्छामि खमासमणो, वंदिउं जावणीज्जाए निसिहिआए मत्थएण वंदामि.
मनःपर्यव ज्ञान
ए गुण जेहने उपन्यो, सर्वविरति गुणठाण
प्रणमुं हितथी तेहना, चरण करण चित्त आण
श्रुत ज्ञान मंत्र - ॐ ह्रीं श्री मनः पर्यवज्ञानाय नमो नमः
ईच्छामि खमासमणो, वंदिउं जावणीज्जाए निसिहिआए मत्थएण वंदामि.
केवळ ज्ञान
केवल दंसण नाणनो, चिदानंद धनतेज
ज्ञानपंचमी दिन पूजिये, विजयलक्ष्मी शुभ हेज
श्रुत ज्ञान मंत्र - ॐ ह्रीं श्री केवलज्ञानाय नमो नमः
ईच्छामि खमासमणो, वंदिउं जावणीज्जाए निसिहिआए मत्थएण वंदामि.
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