वो म्हारो राजस्थान है | Voh Mharo Rajasthan Hai Lyrics In Hindi
जी रे रज्ज-रज्ज में वस्यो तीरथ, सुरगा सूं हर एक गाम है,
जैन धरम रो राज मुकुट, वो म्हारो राजस्थान है...
ज्यां पग-पग श्रद्धा दीप जळे, प्रभु पार्श्वनाथ गुण गान है,
देव-ऋषी री धरती जो, वो म्हारो राजस्थान है...
जो त्याग, अहिंसा, दया, प्रेम, क्षमां रो देवे वरदान है,
जैनो री राजधानी जो, वो म्हारो राजस्थान है...
इया जीरावला पारस दादा, मोहणी मूरत निराळी है,
श्री पार्श्व नाकोड़ा भेरूजी, रा दर्शन मंगलकारी है,
ज्यां जैन धर्म इतिहास वस्यो, जिन प्रभु रे तिलक समान है,
धोरा रो पावन वन रज रज है जठे, वो म्हारो राजस्थान है...
इया राणकपुर री जस गाथा, कापरळा पार्श्व उपकारी है,
देलवाडाजी तीरथ अनुपम, निरखे यो दुणिया सारी है,
ज्यां पत्थर में नक्काशी सूं, मंदिर देवे प्रमाण है,
हस्थ शिल्प रो अनुपम गढ, वो म्हारो राजस्थान है...
श्री केशरिया तीरथ ज्यां में, दूर-दूर सूं भगतां आवे है,
जोधाणा रे किल्ला ऊपर, शासन रो ध्वज फरकावे है,
शब्दां और स्याही घठी जासी, ऐवो ऐणो बखाण है,
सबसू ऊँचो जगत में जो, वो म्हारो राजस्थान है...
जेसलमेर रेतळ धरणी रो, तीरथ लागे सुहाणो है,
ओसियां रे मंदिरमां ही, गूंजे प्रभु वीर तराणो है,
बिकानेर तीरथ सुंदर, जयपुर तीरथो री शान है,
श्री उदयपुर संभाग जठे, वो म्हारो राजस्थान है...
कुम्भल गढ, चित्तौड़गढ में बसी, जैन युग री गजब निशानी है,
पालि, नागोर अलवर, सिकर, में जैनो री कहानी है,
वंदन करूं आ धरतीने, जो जैनियो रा सम्मान है,
हितेश प्रसन्न रे मन में वस्यो, वो म्हारो राजस्थान है...
Lyrics: Prasann Chopda
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