उपधान छायो रे | Updhan Chhayo Re Lyrics In Hindi | Updhan Song Lyrics In Hindi
उपधान छायो रे
तर्ज: (गुरुवर आवो रे)
गुरु संग रंग मंडायो, वीर प्रभुनो मार्ग सजायो,
प्रेम विराग आज गवायो, अवसर आयो रे,
उपधान छायो रे...
त्यागना पडघम आजे वगडावो रे,
वीरना राग साथे आवो रे,
धर्म राज्ये! शूरवीरोनो, पडह वाजो रे,
उपधान छायो रे...
छोडी संसारना रागने आजे, गुरु निश्रामां वेशने साजे,
सूत्र प्रभुना भणवा काजे, उपधान छायो रे...
बाह्यशृंगारना मोह बंधन छोडी,
पौषध व्रतना उपकरणो लेई,
पाप अढारना रंग-रागने तोडी,
आश्वाद भरुं संयमने चाखी,
धर्म राज्ये! शूरवीरोनो, पडह वाजो रे,
उपधान छायो रे...
गुरुहंसनी निश्रा आवे, भव्यगुणनी कीर्ति जगावे,
त्याग परिवारे परम ए, उपधान छायो रे...
Rachna: Pu. Muni Shri Paramtej Vijay M.S.ji
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