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Atma Raksha Stotra | Vajrapanjar Stotra ( Hindi Lyrics ) Jain Stavan Lyrics | Jain Stuti Stavan

Atma Raksha Stotra (Hindi Lyrics)

Atma Raksha Stotra | Vajrapanjar Stotra ( Hindi Lyrics ) Jain Stavan Lyrics | Jain Stuti Stavan



ॐ परमेष्टि नमस्कारं, सारं नवपदात्मकम् |
आत्मरक्षा करं वज्रं, पंजराभं स्मराम्यहम् ||


ॐ नमो अरिहंताणं, शिरस्कम् शिरसि स्थितम् |
ॐ नमो सव्व सिद्धाणं, मुखे मुखपटं वरम् ||


ॐ नमो आयरियाणं, अंगरक्षाति शायिनी |
ॐ नमो उवज्झायाणं, आयुधं हस्तयोर्दृडम | |


ॐ नमो लोए सव्व साहुणं, मोचके पादयो: शुभे |
एसो पञ्च नमोक्कारो, शिलावज्रमयि तले ||


सव्व पावपणासणो, वप्रो वज्रमयो बहि: |
मंगलाणंच सव्वेसिं, खादिरांगार खातिका ||


स्वाहान्तं च पदं ज्ञेयं, पढमं हवइ मंगलं |
वप्रोपरि वज्रमयं, पिधानं देहि रक्षणे | |


महाप्रभावा रक्षेयं, क्षुद्रोपद्रव नाशिनी |
परमेष्टी पदोद् भूता, कथिता पूर्व सुरिभि: ||


यश्चैवं कुरुते रक्षां, परमेष्टि पदै: सदा |
तस्य न स्याद भयं व्याधि-राधिश्चापी कदाचन ||

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