Maharaj No Jay Ho (14 Swapna Song) | Maharaj No Jay Ho Lyrics In Hindi
महाराणीए पहेलुं सपनुं, जोयुं रे अतिसुन्दर जी,
श्वेत वर्णीने, चार दंतवाड़ो, ए ऊजळो... गजवरजी...
ऊजळो सोनो आत्म करशे, पुत्र तमारो धर्मने धरशे,
गंभीर वाणीथी, जगमां विजयने वरशे...
महाराजनो जय हो... महाराणीनो जय-जय हो...
पुत्र तमारो, धर्म धुरंधर बनशे...
महाराजनो जय हो... महाराणीनो जय-जय हो...
पुत्र तमारो, युग युगंधर बनशे...
महाराजनो जय हो... महाराणीनो जय-जय हो...
बीजे सपने जोयो अनुपम, रूपवान में बळधारी,
तेजस्वी ने अति मनोहर, जोयो शुभम मंगळकारी,
मंगळ स्वप्न तमने फळशे, पुत्र तमने एवो मळशे,
बोधबीजने, जन-जनमां जे वावे...
महाराजनो जय हो...
पराक्रमी ने बलशाली, सुंदर जेनां काया रे,
त्रीजा सपनामां जोयो, के शूरवीरनो राया रे,
अध्यात्मनो राजा बनशे, भव जंजालमां रक्षा करशे,
सिंह सत्त्वधारी रे, बाळ तमारो...
महाराजनो जय हो...
जे सोळे शणगार सजीने, भव्य कमळ पर विराजमान,
चोथे सपने श्रीदेवी, जोई तमे रे जाजरमान,
धन - कंचनने ए तो त्यजशे, दाननी नदियों वेहती करशे,
अक्षयपदनी, लक्ष्मीने रे वर्षे...
महाराजनो जय हो...
अतिमनोहर मनमोहक, ने वळी जे महेंके मीठी,
पांचमें स्वप्ने महाराणीए, पुष्पोनी माळा दीठी,
त्रणिय लोकनी स्वामी थाशे, भविजनो ऐना गुणो गाशे,
नूतन कीर्ति, जगमां ए फेलावशे...
महाराजनो जय हो...
रात्रियमा शोभायमान जे, ऊजळुं तिलक लागे गगने,
चंद्रमां जोयो महाराणीए, मंगल छठ्ठे स्वपने,
चंद्र समान ए शीतळ चन्दन, आनंद आपशे आपना नेहने,
त्रणिय लोकमां, करशे रे सहु वंदन...
महाराजनो जय हो...
अंधारने दूर करे, सहु कोई ऐना गुण गावे,
सातमें सूर्य तेजस्वी रे, जे अजवाळुं प्रसारवे,
तेजस्वी तमारो बाळक बनशे, अंधारनो वारक बनशे,
ज्ञान - तेजथी, जग अजवाळुं करशे,
महाराजनो जय हो...
लहेरती ऊंचा अंबरिये, वर्णन करी शके ना कोई,
स्वर्ग दंड पर शोभे जे, सुंदर एवी ध्वजा रे जोई,
धर्म ध्वजाने धारण करशे, जग कल्याणनुं कारण बनशे,
विजय पताका, लहेराशे आ जगमां...
महाराजनो जय हो...
निर्मळ जलथी जे भरपूर, ने सर्व मंगलोथी सोहे,
नवमां स्वपने निरख्युं तमो ए, पूर्ण कळश ए मन मोहे,
पूर्ण ज्ञाननो स्वामी बनशे, निर्मळ ने निष्कामी बनशे,
पूर्णपणे ए, आतमरामी बनशे...
महाराजनो जय हो...
सोहामणो ने सहुने लागे, अनुपम ए उपशांत मनोहर,
दशमें सपने दीठो तमे, विविध कमळथी युक्त सरोवर,
देवो निशदिन सेवा करशे, पृथ्वी जोई सहुकोइ नमशे,
कनक कमळ पर, पुत्रना पगलां पडशे...
महाराजनो जय हो...
अगियारमें सपने रत्नाकरनुं, दृश्य अनेरू सरजायुं,
मंगलकारी सपनुं जाणी, हैयुं आजे हरखायुं,
महाराणी महालीने जगशे, सागरसमनुं भीरपुए बनशे,
नंद तमारो, गुणखाणी बनवानो...
महाराजनो जय हो...
देवोथी दैदिप्त्यमान ने, अति अलौकिक जाजरमान,
बारमें स्वपने जोयुं तमो ए, दिव्य अनुपम देवविमान,
देवो करशे जेनुं मंडन, देवो करशे जेने वंदन,
ऐवा वंदन, तमे पामवाना छो...
महाराजनो जय हो...
महाराणीने तेरमुं सपनुं, पण आव्युं रे अति मंगल,
रत्ननो ढगलो झगमगतो, दर्शावे रे भावी उज्जवल,
रत्नत्रयीनु पालन करशे, तत्वत्रयी संपादन करशे,
पुत्ररत्न तमारो, विजयने वरशे...
महाराजनो जय हो...
लागे जाणे उज्जवल माळा, दूर करे अंधारा काळा,
चौदमें स्वप्ने जोई रे, निर्धूमवंती अन्नानी ज्वाळा,
मंगलकारी अन्नानी ज्वाळा, तोडीने संसारना ताळा,
पुत्र तमारो, करशे जग अजवाळा...
महाराजनो जय हो...
धन्य धन्य ए माता जोया रे, स्वप्नो आ मंगलकारी,
जे मातने आवे छे आ स्वप्नो, ए नारी, सौभागि छे भारी,
आ स्वप्नोनों फळादेश, ग्रन्थोमा खूब गवाया रे,
कुक्षीमां जे पुत्ररतन, ए सौभागि सवाया रे,
ग्रन्थोमा आ गूढ़ वचन रे, कुक्षीमां जे पुत्ररतन,
ए पुत्र तमारा, तीर्थकर बनाववना...
महाराजनो जय हो... महाराणीनो जय-जय हो...
कल्याण सहुनुं पुत्र तमारो करशे...
महाराजनो जय हो... महाराणीनो जय-जय हो...
पुत्र तमारो, तीर्थकर पद वरशे...
महाराजनो जय हो... महाराणीनो जय-जय हो.
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