आ उपधानमां मारी प्रीत बंधाई | Aa Updhan Ma Mari Prit Bandhai Lyrics In Hindi
(राग : मने याद आवशे तारी गमती वातो)
विरतीनी दुनिया लागे छे प्यारी,
आ उपधानमां मारी प्रीत बंधाई…
आस्वाद मळे छे, अहीं साधु जीवननो,
निष्पाप वहे छे, आ समय जीवननो..
मन मस्त रहे छे, मन स्वस्थ रहे छे,
निशदिन हैयामां, शुभ भाव वहे छे..
कणकणमां आनंद रह्यो छलकाई…
आ उपधानमां…
सो खमासमण ने, सो काउस्सग करतां,
वीस नवकारवाळी, मन दईने गणता..
आळस त्यजी ने, जे साधना करता,
तेना सहु पापो, एकसाथे जलतां..
समताने रंग रह्यो आज रंगाई…
आ उपधानमां…
मनजी मगन आ परिवार विनवे,
भोरोल तीर्थ ने, प्रभु नेमि कृपाये..
रामचंद्रसूरिश्वर, गुण-कीर्ति गुरुवर,
पामीने अंगअंग, उत्साह लहे छे..
आ दिव्यपळो मां, रह्यो आज भींजाई…
आ उपधानमां…
0 Comments